नई दिल्ली। दुष्कर्म के मामले में जेल की सजा काट रहे आसाराम बापू को सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त अंतरिम जमानत दे दी है। 2013 से आसाराम बापू नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में जेल में बंद है। मेडिकल ग्राउंड पर 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी गई है। अंतरिम जमानत के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी शर्त रख दी है। जमानत पर रिहाई के दौरान सबूतों के साथ छेड़छाड़ ना करने की सख्त हिदायत दी है। इस बीच वे अपने अनुयायियों से भी नहीं मिल सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए मनाही कर दी है।
आसाराम बापू नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। एक किशोरी ने उन पर जोधपुर के पास मणई में स्थित उनके आश्रम में दुष्कर्म का आरोप लगाया था। छात्रा उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली है और आश्रम में रह रही थी। पीड़िता के मुताबिक 2001 से 2006 के बीच उसके साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी। वर्ष 2013 में आसाराम के खिलाफ इसी मामले में अहमदाबाद के चांदाखेड़ा थाने में एफआईआर दर्ज हुआ। जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त 2013 को आसाराम बापू को दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार किया था। जोधपुर के ट्रायल कोर्ट ने अप्रैल 2018 में आसाराम बापू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
0 पीड़िता की बहन भी दुष्कर्म की हुई शिकार
पीड़िता की बहन ने आसाराम बापू के बेटे नारायण सांई के खिलाफ 2013 में अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस थाने में दुष्कर्म का अपराध दर्ज करवाई थी। सूरत के ट्रायल कोर्ट ने नारायण सांई को अप्रैल 2019 में दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। पीड़िता को 5 लाख रुपए बतौर क्षतिपूर्ति जुर्माना देने का आदेश दिया था।
0 आरोग्य चिकित्सा केंद्र में करा रहे इलाज
अंतरिम जमानत के बाद आसाराम बापू को जोधपुर सेंट्रल से भगत की कोठी स्थित आरोग्य चिकित्सा केंद्र में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। इस दौरान वे पुलिस की कड़ी चौकसी में रहेंगे। आसाराम बापू दिल के मरीज हैं। उनका अटैक भी आ चुका है।
Author: Ravi Shukla
Editor in chief