विलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बी डी गुरु की खंडपीठ ने आज छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बी डी गुरु की खंडपीठ ने आज राज्य सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ए ए आई को शपथ पत्र दाखिल कर बिलासपुर एयरपोर्ट के संबंध में विकास कार्यों की प्रगति की जानकारी देने के लिए निर्देश दिएहैं।
आज हाई कोर्ट में बिलासपुर एयरपोर्ट के विकास और हवाई सुविधाओं के विस्तार संबंधी जनहित याचिकाओं की सुनवाई हुई इस दौरान याचिका करता की ओर से अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने खंडपीठ को बताया कि पिछले आदेश में 27 सितंबर को नाइट लैंडिंग के लिए आवश्यक मशीन डी वी ओ आर कब तक लगाई जा सकेगी इसकी जानकारी देने के निर्देश एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को माननीय न्यायालय ने दिए थे । परंतु अभी तक इस संबंध में ए ए आई के द्वारा कोई शपथ पत्र दाखिल नहीं किया गया है। इस स्तर पर ए ए आई के अधिवक्ता अनुमेह श्रीवास्तव ने खंडपीठ को बताया कि ए ए आई ने वर्तमान में जो डी वी ओ आर उपकरण दक्षिण कोरिया से आयात के आदेश दे रखे हैं उनमें से ही एक मशीन बिलासपुर एयरपोर्ट पर उपलब्ध करा दी जाएगी । अर्थात इसके लिए नए सिरे से आदेश देने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। खंडपीठ ने यही बात शपथ पत्र में विस्तृत विवरण के साथ देने की बात कहते हुए शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश दिए।
इसके पश्चात याचिका करता की ओर से यह बताया गया कि बिलासपुर एयरपोर्ट के लिए 287 एकड़ जमीन जो सेवा के कब्जे से उपलब्ध हुई है इसका विधिवत नामांतरण एयरपोर्ट प्रबंधन या विमानन विभाग के नाम पर होना चाहिए। इस पर राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता आरके गुप्ता ने यह कहा कि वर्तमान में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच जमीन के हस्तांतरण के संबंध में अंतिम बातचीत नहीं हो पाई है परंतु इस बात पर सहमति है कि इस जमीन का उपयोग एयरपोर्ट के विस्तार के लिए किया जाए अर्थात इस कारण एयरपोर्ट के विकास या बिस्तर पर कोई बाधा नहीं आएगी। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से यह भी बताया गया कि 4c एयरपोर्ट बनाने के लिए आवश्यक डीपीआर कौन बनाएगा इसके लिए एजेंसी चयन हेतु एक्सप्रेशन आफ इंटरेस्ट जारी कर दिया गया है अर्थात 8 सप्ताह में राज्य सरकार इसके लिए एजेंसी का निर्धारण कर देगी और फिर डीपीआर बनाने का काम शुरू होगा। आरके गुप्ता ने बताया कि यह शपथ पत्र आज दाखिल किया जा रहा है। खंडपीठ ने राज्य सरकार को उनके द्वारा दाखिल शपथ पत्र की प्रति जो आज रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं हो पाई थी याचिका कर्ताओं को देने के निर्देश दिए।
मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर को तय की गई है ।आज हाई कोर्ट में बिलासपुर एयरपोर्ट के विकास और हवाई सुविधाओं के विस्तार संबंधी जनहित याचिकाओं की सुनवाई हुई इस दौरान याचिका करता की ओर से अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने खंडपीठ को बताया कि पिछले आदेश में 27 सितंबर को नाइट लैंडिंग के लिए आवश्यक मशीन डी वी ओ आर कब तक लगाई जा सकेगी इसकी जानकारी देने के निर्देश एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को माननीय न्यायालय ने दिए थे । परंतु अभी तक इस संबंध में ए ए आई के द्वारा कोई शपथ पत्र दाखिल नहीं किया गया है। इस स्तर पर ए ए आई के अधिवक्ता अनुमेह श्रीवास्तव ने खंडपीठ को बताया कि ए ए आई ने वर्तमान में जो डी वी ओ आर उपकरण दक्षिण कोरिया से आयात के आदेश दे रखे हैं उनमें से ही एक मशीन बिलासपुर एयरपोर्ट पर उपलब्ध करा दी जाएगी । अर्थात इसके लिए नए सिरे से आदेश देने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। खंडपीठ ने यही बात शपथ पत्र में विस्तृत विवरण के साथ देने की बात कहते हुए शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश दिए।
इसके पश्चात याचिका करता की ओर से यह बताया गया कि बिलासपुर एयरपोर्ट के लिए 287 एकड़ जमीन जो सेवा के कब्जे से उपलब्ध हुई है इसका विधिवत नामांतरण एयरपोर्ट प्रबंधन या विमानन विभाग के नाम पर होना चाहिए। इस पर राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता आरके गुप्ता ने यह कहा कि वर्तमान में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच जमीन के हस्तांतरण के संबंध में अंतिम बातचीत नहीं हो पाई है परंतु इस बात पर सहमति है कि इस जमीन का उपयोग एयरपोर्ट के विस्तार के लिए किया जाए अर्थात इस कारण एयरपोर्ट के विकास या बिस्तर पर कोई बाधा नहीं आएगी। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से यह भी बताया गया कि 4c एयरपोर्ट बनाने के लिए आवश्यक डीपीआर कौन बनाएगा इसके लिए एजेंसी चयन हेतु एक्सप्रेशन आफ इंटरेस्ट जारी कर दिया गया है अर्थात 8 सप्ताह में राज्य सरकार इसके लिए एजेंसी का निर्धारण कर देगी और फिर डीपीआर बनाने का काम शुरू होगा। आरके गुप्ता ने बताया कि यह शपथ पत्र आज दाखिल किया जा रहा है। खंडपीठ ने राज्य सरकार को उनके द्वारा दाखिल शपथ पत्र की प्रति जो आज रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं हो पाई थी याचिका कर्ताओं को देने के निर्देश दिए।
मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर को तय की गई है ।