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November 17, 2025 11:57 am

भरण पोषण की मांग वाली पत्नी की याचिका हाई कोर्ट ने की खारिज


बिलासपुर। हाई कोर्ट ने एक महिला की गुजारा भत्ता मांगने की मांग खारिज करते हुए फैमिली कोर्ट के फैसले को सही ठहराया है। महिला ने अपने पति से भरण-पोषण की मांग की थी। हाई कोर्ट ने पाया कि वह अपनी मर्जी से पति से अलग रह रही है। पति से अलग रहने का कोई उचित कारण साबित नहीं कर सकी। इस आधार पर हाई कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी है।

रायगढ़ की महिला ने अपने पति से भरण पोषण की मांग करते हुए फैमिली कोर्ट में आवेदन दिया। इसमें बताया कि उनकी शादी 21 जून 2009 को हुई थी। 26 फरवरी 2011 को उनके जुड़वां बेटे हुए। आरोप लगाया कि पति और उसके परिजन दहेज की मांग को लेकर उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। बाद में पति ने उसे मायके में छोड़ दिया। उसने दावा किया कि वह आर्थिक संकट में है। पति भिलाई में कपड़े का व्यवसाय करता है और हर माह करीब 70 हजार रुपए कमाई है। महिला ने इस आधार पर पति से हर माह 20 हजार रुपए भरण पोषण की मांग की थी।
पति ने इन आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि पत्नी बिना किसी वजह के अलग रह रही है और उसे व उसके माता-पिता को झूठे मामलों में फंसाने की धमकी देती थी। लेकिन रायगढ़ के फैमिली कोर्ट ने 27 सितंबर 2021 को महिला की अर्जी को यह कहते हुए खारिज कर दी थी उसके पास अलग रहने का कोई उचित कारण नहीं है। महिला ने पति और उसके परिजनों पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था। इस मामले में रायगढ़ के जेएमएफसी कोर्ट ने पति और उसके परिजनों को बरी कर दिया था। फैमिली कोर्ट के आदेश में इसका भी उल्लेख किया गया था। हालांकि महिला ने जेएमएफस कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। मामला लंबित है।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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