बिलासपुर। बेटे की शादी तय होने पर एक व्यवसायी ने विवाह भवन की अग्रिम बुकिंग की थी, लेकिन शादी टल जाने से एडवांस रकम लौटाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया। संचालक ने राशि वापस करने से इन्कार कर दिया था, जिसके बाद मामला उपभोक्ता फोरम तक पहुंच गया। अंततः शनिवार को आयोजित लोक अदालत में दोनों पक्षों के बीच समझौते से विवाद का निपटारा हो गया।

जानकारी के अनुसार, व्यवसायी आलोक सराफ ने अपने बेटे की शादी तय होने पर शहर के जगन्नाथ मंगलम विवाह भवन को बुक कराया था। बुकिंग के समय उन्होंने 85 हजार रुपये एडवांस के रूप में दिए थे। किन्हीं कारणों से शादी तय तिथि पर नहीं हो सकी। ऐसे में सराफ ने विवाह भवन के संचालक से एडवांस रकम लौटाने की मांग की, लेकिन संचालक ने पैसे देने से इनकार कर दिया। इसके चलते मामला उपभोक्ता फोरम में पहुंचा और लंबे समय से लंबित था। शनिवार को जिला उपभोक्ता आयोग में लोक अदालत आयोजित की गई। अध्यक्ष आनंद कुमार सिंघल और सदस्य आलोक पांडेय की मौजूदगी में दोनों पक्षकारों ने आपसी सहमति से विवाद खत्म करने पर सहमति जताई। इस दौरान विवाह भवन के संचालक ने आयोग के समक्ष ही व्यवसायी आलोक सराफ को 85 हजार रुपये लौटाए। इसके साथ ही मामला समाप्त हो गया।
22 में से 16 मामलों का निपटारा
शनिवार को आयोजित इस लोक अदालत में कुल 22 उपभोक्ता संबंधी प्रकरण रखे गए थे। इनमें बैंकिंग, बीमा, स्वास्थ्य सेवाएं और हाउसिंग से जुड़े विवाद शामिल थे। सुनवाई के दौरान आपसी सहमति से 16 मामलों का निराकरण किया गया। निपटाए गए मामलों के जरिए संबंधित पक्षकारों को कुल 16 लाख 53 हजार रुपये की राशि लौटाई गई या उपलब्ध कराई गई।

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