बिलासपुर: जांजगीर-चांपा जिले में तालाब में डूबने से चार बच्चों की मौत के मामले को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस विभु दत्त गुरु की डिवीजन बेंच ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार के मुख्य सचिव से व्यक्तिगत शपथ पत्र के रूप में जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर लिया है। मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी।
यह हादसा बीते शनिवार को बलोदा थाना क्षेत्र के भैंसतरा गांव में हुआ था, जब स्कूल से लौटते समय तालाब में नहाने गए भाई-बहन सहित चार बच्चों की डूबकर मौत हो गई थी। इस हृदयविदारक घटना को लेकर कोर्ट ने गहरी चिंता व्यक्त की।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस सिन्हा ने कहा कि, कितनी गलत बात है कि स्कूल से लौटते वक्त चार बच्चे पानी में डूब जाते हैं। यह सिर्फ स्वजनों की नहीं, सरकार की भी जिम्मेदारी है। कोर्ट ने इस दौरान कांकेर जिले की एक और घटना पर भी टिप्पणी की। उस घटना में स्कूली बच्चों को जान जोखिम में डालकर नाला पार करते हुए स्कूल जाना पड़ रहा है। दोनों घटनाओं को मीडिया रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान में लिया। कोर्ट ने राज्य शासन को बच्चों की सुरक्षा को लेकर ठोस नीति और व्यवस्था सुनिश्चित करने की दिशा में तत्परता से कदम उठाने की आवश्यकता जताई है। मुख्य सचिव से स्पष्ट और तथ्यों पर आधारित जवाब मांगा गया है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए अभी तक क्या किया गया है और भविष्य में क्या किया जाएगा।

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