भ्रष्टाचार के आरोपों में भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऑन द स्पॉट किया था सस्पेंड ,गुलाब कमरो पूर्व विधायक भरतपुर सोनहत
मनेन्द्रगढ़( प्रशान्त तिवारी)
पूर्ववर्ती सरकार की आस्था अभिप्रेरित योजना कृष्ण कुंज वनमण्डल अधिकारी मनीष कश्यप की निरंकुशता और आत्ममुग्धता का परिचायक बन कर सामने उभरी है ।यही कारण है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भरी सभा में ऑन द स्पॉट निलंबित कर लताड़ा था,और कहा था कि शासकीय योजनाओं को मजाक बनाकर रखे हो।विवादों से इनका गहरा नाता है। वन कर्मचारी संघ ने अलग इनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। डीएफओ की लगातार धमकी से कर्मचारी मानसिक प्रताड़ित हो रहे हैं।मनेंद्रगढ़ वन परिक्षेत्र कार्यालय में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति जमीन पर हुई है,जिस कारण लोगों की आस्था पर आघात हुआ है।झगड़ा खांड, नई लेदरी और खोंगापानी जैसे स्थानों पर ‘कृष्ण कुंज’ विकसित किए गए हैं, जिनका उद्देश्य शहरी प्रदूषण में कमी, बच्चों के खेलकूद हेतु हरित स्थल, और औषधीय पौधों के माध्यम से ग्रामीण चिकित्सा सुविधा का विस्तार था। लेकिन जब इस योजना की “आत्मा” भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति ही उपेक्षित पड़ी हो, तो यह संपूर्ण योजना का मजाक बन जाता है।
पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने नाराजगी जाहिर की :
इस मामले पर पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने कहा कि, “भगवान की मूर्ति ज़मीन पर फेंकी गई है, ये श्रद्धा पर कुठाराघात है।” पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने प्रशासन और सत्ताधारी दल पर सीधा हमला करते हुए कहा कि भाजपा कभी भगवान राम के नाम पर, तो कभी कृष्ण के नाम पर वोट मांगती है। लेकिन उनके शासनकाल में भगवान की मूर्तियों का ही अपमान हो रहा है। उन्होंने डीएफओ मनीष कश्यप पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा: “जब से मनीष कश्यप डीएफओ बने हैं, मनेंद्रगढ़ वन मंडल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है। ये पेड़ों की अवैध कटाई और तस्करी में व्यस्त हैं, उन्हें भगवान कृष्ण की मूर्ति लगाने से क्या लेना?” “अगर श्रद्धा है, तो जल्द से जल्द कृष्ण कुंज में मूर्ति की स्थापना कराई जाए। अन्यथा यह जनता की आस्था से खिलवाड़ माना जाएगा। यह वन विभाग द्वारा एक एकड़ शासकीय भूमि पर विकसित किया जाने वाला हरित क्षेत्र है।

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