बिलासपुर छत्तीसगढ़ ।अरपा नदी के संरक्षण को लेकर अफसरों ने हाई कोर्ट के समक्ष जवाब पेश किया है। इसमें बताया है कि अरपा में गंदा पानी रोकने 103 करोड़ की योजना है। इसके तहत चिंगराजपारा, तिलकनगर और शनिचरी में तीन और एसटीपी का निर्माण किया जाएगा। शहर के 70 नाले व नालियों का पानी बिना ट्रिटमेंट के वर्तमान में अरपा नदी में सीधे छोड़ा जाता है। नगर निगम के अफसरों ने कोर्ट को बताया कि नाले व नालियों के पानी को ट्रिटमेंट करने के लिए चार एसटीपी का निर्माण किया जा रहा है। मार्च 2026 तक चारों एसटीपी का निर्माण पूरा होने की जानकारी दी है। निगम के अफसरों ने यह भी बताया कि 30 करोड़ की लागत से मंगला में 2 और कोनी व जवाली नाला पर एक-एक एसटीपी का निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है।

निगम द्वारा चिंगराजपारा में 40 एमएलडी का, तिलकनगर में 4 एमएलडी का और शनिचरी में 8 एमएलडी का एसटीपी बनाया जाएगा। इसके लिए 103 करोड़ रुपए का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। अनुमति मिलने के बाद टेंडर और वर्क आर्डर किया जाएगा। सूडा ने अपने जवाब में बताया किनिगम के इस प्रस्ताव का परीक्षण के लिए 6 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। यह टीम बिलासपुर पहुंचकर पूरे प्रोजेक्ट की जांच करेगी। इसके बाद ही राशि का आबंटन किया जाएगा।
अफसरों ने बताया कि पहले चरण में शिवघाट बैराज से पचरी घाट बैराज के बीच नाले व नालियों के पानी को बैराज में छोड़ने से पहले ट्रिटमेंट किया जाएगा। ट्रिटमेंट के बाद ही बैराज में पानी छोड़ा जाएगा। इसके लिए कार्ययोजना बनाई गई है।

अधिमान्य पत्रकार छत्तीसगढ़ शासन