बिलासपुर: जिले के लोक सेवा केंद्र में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को लेकर जिला प्रशासन को शिकायत सौंपी गई है। शिकायतकर्ता ने लोक सेवा केंद्र में संचालित गतिविधियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।
शिकायत पत्र में कहा गया है कि लोक सेवा केंद्र के जिला प्रबंधक(EDM) सेवा केंद्र के द्वारा आधार कार्ड संबंधी कार्यों में अनियमितता बरती जा रही है। आरोप है कि आम नागरिकों को आधार कार्ड बनाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि निजी स्वार्थ के लिए आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं।

शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि लोक सेवा केंद्र के EDM द्वारा ट्रॉम्पर (टोकन सिस्टम) को अवैध रूप से नियंत्रित किया जा रहा है, जिससे अन्य नागरिकों को टोकन नहीं मिल पा रहे हैं। इसके अलावा, सीएससी केंद्र के संचालन में भी अनियमितता और लापरवाही की शिकायत की गई है।
शिकायत पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि लोक सेवा केंद्र के कर्मचारी तीन से अधिक कंप्यूटर सिस्टम संचालित कर रहे हैं, जबकि नियमों के अनुसार सीमित संख्या में ही संचालन की अनुमति है। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि लोक सेवा केंद्र के कर्मचारी अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और अपने परिवार व रिश्तेदारों को प्राथमिकता देते हुए उन्हें सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं।
शिकायतकर्ता ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि आम नागरिकों को न्याय मिल सके।
लोक सेवा केंद्र में भ्रष्टाचार को लेकर शिकायत, जिला प्रशासन से जांच की मांग
जिले के लोक सेवा केंद्र में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को लेकर एक शिकायत जिला प्रशासन को सौंपी गई है। शिकायतकर्ता ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
शिकायत पत्र के अनुसार, लोक सेवा केंद्र के EDM द्वारा आधार किट को अवैध रूप से 30 से 40 हजार रुपये में बेचा जा रहा है। इसके अलावा, आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया में जानबूझकर देरी की जा रही है और अंतिम समय में पैसे लेने के बाद ही रजिस्ट्रेशन किया जाता है।
आरोप यह भी है कि जब आधार पंजीकरण उपकरण (मशीन) खराब हो जाता है, तो 7 दिनों तक काम नहीं करता, ताकि लोगों को मजबूर किया जा सके और उनसे पैसे वसूले जा सकें।
शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत की प्रति जिले के कई प्रमुख जनप्रतिनिधियों, मंत्रियों और विधायकों को भी भेजी है, जिसमें मांग की गई है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाए ।शिकायतकर्ता अरविंद कुमार पटेल ने अपने हस्ताक्षर के साथ पत्र को जिला प्रशासन को सौंपा है और निष्पक्ष जांच की मांग की है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है।

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