बिलासपुर। बेलगहना क्षेत्र में चिटफंड कंपनी द्वारा ग्रामीणों से 15 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। कंपनी के डायरेक्टर और कर्मचारियों ने गांव के लोगों को एजेंट बनाकर उनसे रुपये जमा कराए और फिर दफ्तर बंद कर फरार हो गए। ठगी का शिकार हुए ग्रामीण अब अपने पैसे वापस पाने के लिए चक्कर लगा रहे हैं। शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

ग्राम करवा निवासी किसान फेकुराम चतुर्वेदी ने बताया कि 2013 में रीगल भवन निर्माण एंड इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया लिमिटेड के डायरेक्टर पंकज वर्मा, निवासी ग्राम टिकिया थाना चोरहटा, रीवा और उनके साथियों ने गांव में आकर रुपये डबल करने का झांसा दिया। कंपनी के एजेंट के रूप में फेकुराम, भरतलाल जांगड़े, मोहनलाल वस्त्रकार, रामकुमार गिलहरे, पिल्लूराम बंजारे सहित कई ग्रामीणों को जोड़ा गया। इन एजेंटों ने गांव के लोगों से करीब 15 लाख रुपये इकट्ठा कर कंपनी के करबला रोड स्थित कार्यालय में जमा करवा दिए।
कंपनी ने ग्रामीणों से कहा कि तीन साल तक रुपये जमा करने के बाद उन्हें दोगुनी रकम वापस मिलेगी। जब निवेश की अवधि पूरी हुई तो लोगों ने अपने रुपये मांगे, लेकिन कंपनी के डायरेक्टर और कर्मचारी दफ्तर बंद कर फरार हो गए। दो साल तक ग्रामीणों को भरोसा दिलाया जाता रहा कि जल्द ही भुगतान किया जाएगा, लेकिन अब उनका फोन भी बंद आने लगा।
परेशान ग्रामीणों ने जब कोई समाधान नहीं देखा तो पुलिस से शिकायत की। बेलगहना चौकी में फेकुराम चतुर्वेदी की रिपोर्ट पर पुलिस ने डायरेक्टर पंकज वर्मा और उनके साथियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। पुलिस अब इस पूरे प्रकरण की जांच कर रही है और फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief