बिलासपुर। संकेत साहित्य समिति के तत्वावधान में राजकिशोर नगर स्थित समिति के अध्यक्ष राकेश खरे “राकेश” के आवास पर रंगोत्सव काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। वयोवृद्ध साहित्यकार रमेश चौरसिया “राही” के मुख्य आतिथ्य एवं नरेंद्र शुक्ला “अविचल” की अध्यक्षता में संपन्न इस आयोजन का सफल संचालन हरवंश शुक्ला ने किया।
गोष्ठी का शुभारंभ माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं श्रीमती रमा चौरसिया द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुआ। इस अवसर पर उपस्थित रचनाकारों ने गीत, छंद, दोहा, ग़ज़ल और हास्य-व्यंग्य सहित विभिन्न विधाओं में रचनाएँ प्रस्तुत कीं।
महिला दिवस पर महिलाओं का सम्मान
कार्यक्रम के दौरान अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में उपस्थित महिलाओं को मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कवियों ने नारी शक्ति, प्रेम, समाज और एकता पर अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं।

प्रस्तुत की गई प्रमुख रचनाएँ
• श्रीमती वंदना खरे ने नारी सशक्तिकरण पर कविता प्रस्तुत करते हुए कहा—
“अपने लिए तो सब जीते हैं, औरों के लिए वह जीती।
विष का प्याला पी, अमृत का घट औरों को देती।।”
• हरवंश शुक्ला ने बेटी के महत्व पर लिखा—
“बिटिया जिसके घर होती है, परियों जैसे पर होती है।
उबर खाबड़ पगडंडी भूले, आसमान में डगर होती है।।”
• अमृतलाल पाठक की पंक्तियाँ थीं—
“हो विधाता आज चाहे वाम हो, प्रीति का कोई नया आयाम हो।।”
• केवल कृष्ण पाठक ने नारी सम्मान पर कहा—
“नारी माता रूप में, धरती पर भगवान।
दिल में रहना चाहिए, नारी का सम्मान।।”
• विजय तिवारी ने हृदयस्पर्शी पंक्तियाँ प्रस्तुत कीं—
“इन सांसों का अब सम्मोहन टूट रहा,
कैसे कह दूं अब धीरज मन छूट रहा।।”
• राकेश खरे “राकेश” ने होली के संदेश को यूँ अभिव्यक्त किया—
“शंख बजा दो आज ऐसा, हर एक रंग जाए धर्म में।
दुर्योधन कहीं रह ना पाए, अर्जुन सज जाए कर्म में।।”
• नरेंद्र शुक्ला “अविचल” ने अपनी पंक्तियों में सामाजिक एकता का संदेश दिया—
“धरती तो बट जाएगी, नील गगन का क्या होगा।
हम सब ऐसे बिछड़ेंगे, महा मिलन का क्या होगा।।”
• राजकुमार द्विवेदी “बिंब” की रचना ने श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया—
“नव, जल, थल, वायु, क्षिति लगभग सब का रंग।
सब में सब कुछ है, यही सब रंगों का संग।।”
श्रोताओं ने लिया आनंद

इस साहित्यिक संध्या का श्रोताओं ने देर रात तक आनंद लिया। उपस्थित प्रमुख लोगों में सौरभ शुक्ला, श्रीमती कमलेश पाठक, श्रीमती उमा द्विवेदी, कुमारी मनीष यादव, नेहा खरे, आभ्या एवं अभिराज शामिल रहे।
मुख्य अतिथि रमेश चौरसिया “राही” ने कहा कि होली प्रेम, एकता और भाईचारे का संदेश देती है। अंत में राकेश खरे “राकेश” ने सभी का आभार व्यक्त किया और आयोजन के सफल समापन की घोषणा की।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief