Explore

Search

October 17, 2025 12:30 am

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने गृह सचिव व डीजीपी को जारी किया नोटिस

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के सिंगल बेंच ने अपने महत्वपूर्ण आदेश में कहा कि पुलिस महानिदेशक द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन का निराकरण करे। इसके लिए कोर्ट ने चार सप्ताह की मोहलत दी है। जारी सर्कुलर के अनुसार शहीद पुलिस अफसर व कर्मचारी के पुत्र को इच्छानुसार एएसआइ (एम) के पद पर अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त करने का अधिकार है।अलबेलापारा कांकेर निवासी मुरलीधर सिन्हा के पुत्र पंकज सिन्हा अधिवक्ता अभिषेक सिन्हा व पीएस निकिता के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। दायर याचिका में बताया है कि उसके पिता जिला-नारायणपुर में पुलिस विभाग में आरक्षक (कांस्टेबल) के पद पर पदस्थ थे। जिला - नारायणपुर घोर अनुसूचित एवं नक्सली जिला है। वर्ष 2007 में हुए एक नक्सल ऑपरेशन में उसके पिता की मृत्यु हो गई। पुलिस विभाग द्वारा उन्हें शहीद का दर्जा दिया गया। पिता की मृत्यु के समय वह नाबालिग था। लिहाजा राज्य शासन ने उसे बाल आरक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी। 18 साल की आयु पूरा करने के बाद उसने सचिव, गृह विभाग एवं डीजीपी के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर एएसआइ (एम) के पद पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने के साथ ही नियमित किए जाने की मांग की। आवेदन पेश करने के बाद उसे नियमित नहीं किया गया।

अधिवक्ता पांडेय ने रखा पक्ष
मामले की सुनवाई जस्टिस एके प्रसाद के सिंगल बेंच में हुई। सिंगल बेंच के समक्ष पैरवी करते हुए अधिवक्ता पांडेय ने बताया कि 13.11.2020 को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रायपुर द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया है। इसके अनुसार पुलिस विभाग में कार्यरत अधिकारी / कर्मचारियों की अनुसूचित / नक्सली जिलों में मुठभेड़ के दौरान मृत्यु हो जाने पर उन अधिकारी/कर्मचारियों को शहीद का दर्जा प्रदान किया जाएगा। शहीद अधिकारी / कर्मचारियों के विधिक वारिसों को इच्छानुसार पद ASI (M)/ आरक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाएगी। याचिकाकर्ता के मामले में डीजीपी द्वारा जारी सर्कुलर का पुलिस अफसरों ने उल्लंघन किया है। याचिकाकर्ता को ASI (M) के पद पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान नहीं की जा रही है।

मामले की सुनवाई के बाद छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सिकरेट्री होम व डीजीपी को निर्देशित किया है कि पूर्व में जारी सर्कुलर के तहत याचिकाकर्ता को ASI (M) के पद पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को नए सिरे से दोनों अफसरों के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने कहा है। अभ्यावदेन का चार सप्ताह में दोनों अफसरों को निराकरण करना होगा।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

Advertisement Carousel
CRIME NEWS

BILASPUR NEWS