Explore

Search

July 8, 2025 1:36 pm

R.O.NO.-13250/14

Advertisement Carousel

हाई कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को सुनाया 20 साल कठोर कारावास की सजा

बिलासपुर। मासूम से यौन उत्पीड़न के मामले में पाक्साे एक्ट में आरोपी को सुनाई आजीवन कारावास की सजा को हाई कोर्ट ने 20 कठोर कारावास में बदल दिया है। पाक्सो एक्ट के तहत कोर्ट ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जेल में बंद आरोपी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। डिवीजन बेंच ने यह भी कहा है कि पाक्सो एक्ट के तहत यौन उत्पीड़न को साबित करने के लिए पीड़िता को शारीरिक चोटें दिखाने की आवश्यकता नहीं है और ना ही अनिवार्यता ही है।
घटना रायगढ़ जिले की है। मई 2020 की है। पीड़ित 9 वर्षीय बालिका अपने गांव में एक प्राथमिक विद्यालय के पास खेल रही थी। खादी वर्दी पहने अजीत सिंह पीड़िता के पास पहुंचकर पुलिस का डर दिखाया और अपने साथ चलने की बात कही।

इसी बीच पीड़िता को जबरिया मोटर साइिकल में बैठाकर सुनसान खेत में ले जाकर यौन उत्पीड़न किया। पीडिता के पिता की लिखित शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच के बाद आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 363 (अपहरण), 365 (गलत तरीके से पीड़िता ने पहचाना ले जाने) और पॉक्सो अधिनियम की धारा (गंभीर यौन उत्पीड़न) के तहत अपराध दर्ज किया। मामले की सुनवाई के बाद पाक्सो कोर्ट ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। पाक्सो कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। डिवीजन बेंच ने पॉक्सो अधिनियम की 16 की धारा की धारा 6 के तहत पाक्सो कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए अपील खारिज कर दी है।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

CRIME NEWS

BILASPUR NEWS