बिलासपुर – एक नई सुबह की शुरुआत के साथ, शुभ्रा गुरुकुल विद्यालय, उच्चभट्टी ने समाज के प्रति एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए Befriend Life Foundation के सहयोग से मासिक धर्म जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में 120 किशोरी बालिकाओं को नि:शुल्क सैनेट्री पैड वितरित किए गए, और उन्हें अगले तीन वर्षों तक हर महीने नि:शुल्क सैनेट्री पैड प्रदान करने का वादा किया गया।
यह कार्यक्रम केवल स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ा आयोजन नहीं था, बल्कि यह एक संकल्प था—संकल्प उन बेटियों के प्रति, जिनकी मुस्कान और स्वाभिमान हमारे समाज की बुनियाद हैं। Befriend Life Foundation की संयोजिका श्रीविद्या जी के नेतृत्व में इस आयोजन ने बालिकाओं के मन से मासिक धर्म से जुड़ी भ्रांतियों और झिझक को मिटाने का प्रयास किया।
कार्यक्रम में वरिष्ठ समाजसेवी बी प्रमिला जी और मातृ शक्ति की प्रदेश संयोजिका श्रीमती रंजीता साहू जी का विशेष योगदान रहा। इन महानुभावों ने बालिकाओं को न केवल स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी, बल्कि उन्हें यह भी सिखाया कि मासिक धर्म से जुड़ी किसी भी समस्या को लेकर उन्हें कभी संकोच नहीं करना चाहिए। श्रीविद्या जी ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा, “मासिक धर्म, महिलाओं के जीवन का एक स्वाभाविक अंग है, इसे किसी भी प्रकार की शर्म या झिझक से देखना गलत है। हमें गर्व होना चाहिए कि यह हमारे जीवन का हिस्सा है।”
कार्यक्रम के दौरान एक पल ऐसा भी आया जब बालिकाओं ने खुलकर अपनी समस्याओं और विचारों को साझा किया। वह पल न केवल उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला था, बल्कि समाज को यह संदेश भी दे गया कि जब बेटियां बोलने लगेंगी, तो बदलाव अवश्य आएगा। कार्यक्रम में बालिकाओं को यह समझाया गया कि मासिक धर्म के दौरान सही स्वच्छता न केवल स्वास्थ्य की सुरक्षा करती है, बल्कि आत्मविश्वास और सम्मान का भी प्रतीक है।
शुभ्रा गुरुकुल विद्यालय के संचालक श्री चंद्रकांत साहू और प्राचार्य सूरित राम यादव ने कार्यक्रम के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि, “हमारी बेटियों का सशक्तिकरण ही समाज की प्रगति का मार्ग है। यह पहल सिर्फ स्वास्थ्य के लिए नहीं, बल्कि उनकी मानसिक और भावनात्मक मजबूती के लिए भी है।”
संस्था के प्रवीण, रामा प्रसाद, एस सुरेश, विद्यालय की शिक्षिका गरिमा यादव और ग्राम पंचायत के पंच राजेंद्र लास्कर, राजेश श्रीवास, कमल किशोर साहू, संतोष साहू, कान्हा साहू पंचायत की समस्त मितानिनों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को एक विशेष गरिमा प्रदान की। सभी ने बालिकाओं के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए उन्हें इस पहल का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम के समापन पर बालिकाओं की आंखों में उम्मीद और आत्मविश्वास की झलक साफ नजर आई। यह आयोजन उन्हें यह विश्वास दिलाने में सफल रहा कि वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकती हैं। “आपमें ही समाज की शक्ति है, आपमें ही बदलाव का बीज है,” इस संदेश ने कार्यक्रम को एक नई दिशा दी।
यह जागरूकता अभियान केवल बालिकाओं के स्वास्थ्य के लिए नहीं, बल्कि उनके जीवन के हर पहलू को समृद्ध करने के लिए था। यह वादा, जो उन्हें अगले तीन वर्षों तक मासिक सैनेट्री पैड की निःशुल्क सुविधा देने का है, केवल एक साधन नहीं, बल्कि उनके आत्मसम्मान की सुरक्षा के लिए एक ढाल है।