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July 2, 2025 6:52 am

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हाईकोर्ट का खौफ…ना निगम का भय….स्टे और नोटिस को दिखाया ठेंगा…बिना अनुमति रसूखदार ने तान दिया कामर्शियल काम्पलेक्स..अधिकारी नतमस्तक

बिलासपुर—यदि रसूखदार  है तो  यकीन मानिये आपका ना तो सिस्टम कुछ बिगाड़ सकता है…अधिकारी भी मुंह खोलकर जोखिम उठाने को तैयार नहीं होगा। फिर चाहे हाईकोर्ट का स्टे ही क्यों ना हो..निगम नोटिस पर नोटिस भेज सकता है..लेकिन कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा सकता। जबकि पता हो कि सामने वाले के साथ पर्दे के पीछे  मजबूत लीगल टीम खड़ी है।

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दरअसल ऐसा ही कुछ मामला शिव टाकीज चौक स्थित व्हीआईपी कालोनी में हो रहा है।सेलिब्रेशन शादी घर के मालिक ने बिना अनुमति भवन अनुज्ञा के खिलाफ तीन मंजिला मकान की जगह चार मंजिला मकान खड़ा कर दिया। पांचवे का काम शुरू कर दिया है। मजाल क्या है कि निगम…नोटिस भेजने के अलावा कोई ठोस कार्रवाई की ताकत दिखाये। जबकि हाईकोर्ट ने करीब दस महीने पहले निर्माण कार्य पर रोक लगाते हुए यथास्थिति का आदेश दिया है। बावजूद इसके दबंग बिल्डर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। बिल्डर की दबंगई और निगम की लाचारगी को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश बढता ही जा रहा है। 

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रसूखदार के खिलाफ व्हीआईपी कालोनी का आक्रोश…

        टैगोर चौक स्थित शिव टाकीज के पास व्हीआईपी कालोनी वासियों ने निगम से पिछले एक साल से फरियाद पर फरियाद कर रहे हैं। बावजूद इसके अवैध निर्माण के खिलाफ निगम ठोस कार्रवाई करने से बच रहा है। लेकिन नोटिस पर नोटिस थमा रहा है। निर्माण कार्य रसूखदार का है।  इसलिए बुलडोजर चलाना तो दूर…निगम किसी प्रकार की कार्रवाई से भी झिझक रहा है। इसके चलते स्थानीय लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

          जानकारी देते चलें कि व्हीआईपी कालोनी निवासी विनय सलूजा ने बिना अनुमति तीन मंजिला निर्माण के खिलाफ बिना अनुज्ञा चार मंजिला भवन तैयार कर लिया। पांचवी मंजिल के लिए तैयारी करने लगा। इसके खिलाफ स्थानीय लोगों ने निगम प्रशासन से शिकायत की।

निगम ने नोटिस भेजा… लेकिन निर्माण कार्य पर कोई असर नहीं हुआ। चौथी मंजिल निर्माण पर रोक लगाने याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। याचिकाकर्ता ने बताया कि विनय सलूजा और रीना सलूजा के नाम पर निगम ने अलग अलग अनुज्ञा के साथ तीन मंजिला मकान बनाने का आदेश दिया है। बावजूद इसके दोनो ने बिना निगम अनुमति ना केवल चौथी मंजिल तैयार कर लिया। बल्कि दोनो भवन को जो़ड़कर भवन को कामर्शियल काम्पलेक्स बना दिया है। सुनवाई कर हाईकोर्ट ने यथास्थिति का आदेश दिया। लेकिन बिल्डर ने निर्माण कार्य नहीं रोका। निगम ने नोटिस पर नोटिस तो भेजा.. लेकिन निर्माण को रोकने को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इसकी वजह सलूजा की ताकतवर टीम को बताया जा रहा है।

निगम ने थमाया नोटिस

स्थानीय लोगों के बढ़ते आक्रोश के मद्देनजर निगम ने सलूजा दम्पत्ति को नोटिस जारी किया। नोटिस में बताया गया कि विनय सलूजा को निगम ने स्टील्ड पार्किंग के साथ भूतल से लेकर तृतीय तल तक  अलग अलग क्रमशः 130.11 वर्गमीटर निर्माण की अनुमति प्रदान किया है। इसी तरह रीना सलूजा को भी भूतल से लेकर तीनो तल के लिए अलग अलग 108,62 वर्गमीटर पर निर्माण की अनुमति है। अनुमति अलग अलग निर्माण के लिए  है। बावजूद इसके अलग अलग अनुमति के खिलाफ दोनों कमानों को जोड़कर निर्माण किया गया है। ऐसा किया जाना अनुज्ञा के खिलाफ है।

            निगम ने नोटिस में बताया कि दोनों भवन को मिलाकर पार्किंग के साथ भूतल पर 370.91,वर्गमीटर के अलावा प्रथम,द्वितीय और तृतीय तल का निर्माण क्रमशः अलग अलग 293.68, वर्गमीटर का निर्माण हुआ है। ऐसा किया जाना निगम अधिनियम के खिलाफ है। हाईकोर्ट से स्टे होने के बाद भी निर्माण कार्य को नहीं रोका गया। निगम ने निर्माम रोकने को लेकर लगातार नोटिस भी जारी किया गया। लेकिन जवाब देना भी उचित नहीं समझा गया है।

जवाब नहीं मिलते पर अनुज्ञा स्थगित

लगातार नोटिस के बाद जवाब पेश नहीं किए जाने पर निगम प्रसासन ने छग भूमि विकास अधिनियम 1984 के तहत भवन अनुज्ञा को स्थगित कर दिया। विनय और रीता सलूजा को निर्देश दिया है कि निर्माण कार्य नहीं रोका गया तो निर्माण को ध्वस्त किया जाएगा। निर्माण कार्य तो हटाने का व्यय भी वसूला जाएगा।

फिर नहीं रूक रहा निर्माण

स्थानीय लोगों ने बताया कि निगम के आदेश और हाईकोर्ट से स्टे के बाद भी निर्माण कार्य जारी है। निर्माण के साथ प्लास्टर और पुटी का काम तेजी से हो रहा है। कोर्ट और निगम को धोखा देने के लिए तत्काल पेन्ट भी किया जा रहा है। पांचवी मंजिल का भी काम शुरू हो गया है।

निगम अधिकारी नतमस्तक

नाम नहीं छापने की शर्त पर निगम के अधिकारी ने बताया कि यदि किसी सामान्य आदमी ने आदेश का उल्ल्ंघन किया होता तो आज तक बिल्डिंग को जमीदोज कर दिया जाता। लेकिन हम ऐसी स्थिति में नहीं है कि नोटिस भेजने के अलावा तो़ड़फो़ड़ की कार्रवाई कर सके। इसके चलते अवैध निर्माण पर रोक लगाना फिलहाल मुश्किल है। 22 अक्टूबर को सुनवाई होगी। निगम की तरफ से वस्तुस्थिति को हाईकोर्ट के सामने पेश किया जाएगा। हम जानते है कि विनय और रीता सलूजा का निर्माण पूरी तरह से अवैध है।

कमिश्नर से बातचीत का प्रयास

व्यवस्तता के कारण निगम कमिश्नर कार्यालय में कम बैठक और फील्ड में कुछ ज्यादा ही व्यस्त हैं। व्यस्तता इतनी की दिन चार पांच काल के बाद भी फोन नहीं उठा रहे हैं। ना ही किसी प्रकार का जवाब ही दे रहे हैं। एक अधिकारी ने जरूर बताया कि कमिश्नर को वस्तुस्थिति की जानकारी है। लेकिन वह कर भी क्या सकते हैं । क्योंकि वह बैठक और फील्ड में ज्यादा व्यस्त हैं।

नियमितिकरण का चक्कर

बताया जा रहा है कि सलूजा दम्पत्ति धड़ाध़ड़ निर्माण कर भवन को नियमित कराने के फिराक में है। यद्यपि यह संभव नहीं है। बावजूद इसके हाल फिलहाल कुछ ऐसा मामला सामने आया है कि निगम अधिकारी बैक डेट से नियमितिकरण का काम कर देते हैं। जबकि शासन के निर्देशानुसार फिलहला नियमितिकरण असम्भव है। लेकिन सब लोग जानते है कि यदि निगम अधिकारी चाह मात्र ले तो सब कुछ संभव है।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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