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January 20, 2025 11:12 am

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सीमेंट के दाम में वृद्धि विष्णुभोग टैक्स है या चौधरी टैक्स सरकार को बताना चाहिए ,विरोध में कांग्रेस का प्रांतव्यापी धरना प्रदर्शन कल : हरितवाल

:बिलासपुर । कांग्रेस के बिलासपुर प्रभारी  सुबोध हरित वाल  ने सीमेंट कंपनियों द्वारा सीमेंट के दाम में   प्रति बोरी 50 रुपए  की वृद्धि किए जाने पर प्रदेश सरकार से पूछा है यह कौन सा टैक्स है जो प्रदेश की जनतपर लड़ा गया है ?उन्होंने यह भी कहा कि सीमेंट के दाम में बढ़ोतरी से 18 सौ करोड़ रुपए प्रतिमाह अतिरिक्त राशि की जो वसूली हो रही है वह कहां जा रहा है और  सरकार को बताना चाहिए कि यह मूल्य वृद्धि “विष्णुभोग” टैक्स है या फिर चौधरी टैक्स ।
कांग्रेस भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुई उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में जनता को लूटने की खुली छूट है। ‘विष्णुभोग’ के लिए वसूला जा रहा है 50 रुपया प्रति बोरा सीमेंट पर अतिरिक्त दाम। अचानक 200 से बढ़ाकार 310 रूपए प्रति बोरा कर दिया गया है।
• सीमेंट की कीमत में अचानक एक चोथाई की भारी भरकम वृद्धि भाजपा सरकार के कमीशनखोरी और मुनाफाखोरी का प्रमाण है।सीमेंट उत्पादन के लिए तमाम कच्चा माल, लाइमस्टोन हमारा, कोयला हमारा, जमीन हमारी, बिजली हमारी और हमें ही महंगे दामों पर सीमेंट खरीदने के लिए मजबूर कर रही है भाजपा सरकार।
•उन्होंने कहा  छत्तीसगढ़ सीमेंट का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है, यहां हर माह लगभग 30 लाख टन से अधिक सीमेंट का उत्पादन होता है, पहले केंद्र की मोदी सरकार 28 प्रतिशत का भारी भरकम जीएसटी लगाया और अब साय सरकार के सरंक्षण में कीमतों में अचानक बढ़ोत्तरी जनता के साथ अन्याय है। हर सर पर छत का वादा करके सरकार में आयी भारतीय जनता पार्टी के शासन में भवन निर्माण की सामग्रीयों में लगातार बेतहाशा वृद्धि हो रही है। रेत के दाम पिछले 9 महीने में चार गुना बढ़ गए, स्टील की कीमते दुगना हो गई है और अब सीमेंट के दाम में 50 रूपए प्रति बारी की वृद्धि से गरीबों और मध्यमवर्गीय परिवारों के अपने घर के सपनों पर करनी चोट है। पीएम आवास योजना पर भी विपरीत असर पड़ेगा।श्री हरित्वाल ने कहा  देश और प्रदेश के विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर, निर्माण में सीमेंट एक अहम घटक है, सीमेंट के दाम में वृद्धि से न केवल निजी बल्कि सरकारी प्रोजेक्ट में भी निर्माण लागत बढ़ जाएगी, पुल पुलिया, बांघ, सीसी रोड, भवन निर्माण कार्य प्रभावित होंगे, रियल एस्टेट सेक्टर में भी नकारात्मक प्रभाव निश्चित है। रोजगार पैदा करने में कृषि के बाद रियलस्टेट दूसरा सबसे बड़ा सेक्टर है, सीमेंट की कीमत में अचानक वृद्धि से रियल एस्टेट व्यवसाय की कमर टूट जाएगी, लाखों की संख्या में लोग बेरोजगार हो जायेंगे ।पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के समय सीमेंट, स्टील, रेत के दाम नियंत्रित थे, अब भाजपा सरकार के अनुचित सरंक्षण में सीमेंट कंपनियां निरंकुश हो चुकी है, जनता को लुटने का कोई अवसर डबल इंजिन की सरकार नहीं छोड़ रही है। क्रूड ऑयल इंटरनेशनल मार्केट में आज 2014 की तुलना में लगभग आधा है, फिर भी डीजल और पेट्रोल के दाम दुगुना वसूला जा रहा है, भूखंडों के रजिस्ट्री में 30 प्रतिशत की छूट प्रदेश की भाजपा सरकार ने खत्म कर दिया है, बिजली का बिल दुगुना आने लगा है और अब सीमेंट की कीमते बढ़ाकर चारों तरफ से महंगाई की मार जनता पर पड़ रही है। कांग्रेस पार्टी यह मांग करती है कि सीमेंट पर 50 रूपए प्रति बोरी की भारी भरकम मूल्य वृद्धि वापस ले, और सीमेंट को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कमोडिटी की तय सूची में शामिल करे।: प्रेस वार्ता में सुबोध हरितवाल,जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी विजय पांडेय ,विधायक अटल श्रीवास्तव ,पूर्व विधायक शैलेष पांडेय ,महापौर रामशरण यादव ,प्रदेश प्रवक्ता अभय नारायण राय,आदि उपस्थित थे।
Ravi Shukla
Author: Ravi Shukla

Editor in chief

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