बिलासपुर। मानव तस्करी से जुड़े एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश जीआरपी की टीम ने किया है। टीम ने गिरोह के सदस्यों के कब्जे से एक नाबालिग किशोरी को छुड़ाया है। पूछताछ में पीड़िता ने बताया कि उसके मुंहबोले मामा ने उसे एक लाख रुपये में बेचने का सौदा किया था। इसके लिए उसने उसके माता-पिता के सामने ही दस हजार रुपये लेकर उन्हें शराब पिलाकर बेहोश कर दिया और उसे बहला-फुसलाकर रेलवे स्टेशन ले आया। जीआरपी की तत्परता से किशोरी को बचा लिया गया और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

जीआरपी के एएसआई विश्वनाथ चक्रवर्ती ने बताया कि रेलवे स्टेशन में एक नाबालिग लड़की को रोते हुए देखकर जवानों को शक हुआ। पूछताछ में किशोरी ने बताया कि 31 अक्टूबर को उसके घर मुंहबोले मामा निराकार उर्फ डिस्को रोहिदास (40) निवासी ग्राम सिलेट, थाना बरपाली, जिला बरगढ़ (ओडिशा) आया था। वह अपने साथ विकास नायक (40) निवासी ग्राम बाबखेड़ा, जिला टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) को लेकर आया था।
किशोरी के अनुसार, उसके मुंहबोले मामा ने माता-पिता से कहा कि विकास नायक उसे लेकर जाएगा और इसके बदले एक लाख रुपये देगा। उसने यह रकम घर बनवाने और इलाज में लगाने की बात कहकर भरोसा दिलाया। मामा ने विकास नायक से 10 हजार रुपये लेकर किशोरी के सामने ही उसके माता-पिता को दिए। इसके बाद उसने माता-पिता और नाना को शराब पिलाई और जब सभी बेसुध हो गए, तो किशोरी को लेकर रेलवे स्टेशन पहुंच गया। दोनों आरोपी उसे ट्रेन से दूसरी जगह ले जाने की फिराक में थे। इसी दौरान ट्रेन में किशोरी को अनहोनी की आशंका हुई और वह रोने लगी। उसकी रोने की आवाज सुनकर जीआरपी के जवानों ने हस्तक्षेप किया और पूछताछ में पूरा मामला खुल गया। किशोरी की शिकायत पर जीआरपी ने दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 137(2), 96, 143, 3(5) तथा पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया। न्यायालय के आदेश पर दोनों को जेल भेज दिया गया है। कार्रवाई में एएसआई ममता मिश्रा, महिला आरक्षक एम. रेन्सेरिया डुंगडुंग, जीआरपी और आरपीएफ की संयुक्त टीम शामिल रही।
गरीब परिवारों की बेटियों को बनाते थे निशाना
जीआरपी की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह गिरोह ओडिशा के दूरदराज और गरीब इलाकों में रहने वाले परिवारों को निशाना बनाता था। ये लोग लालच, नौकरी और शादी का झांसा देकर परिवारों को भरोसे में लेते थे और उनकी बेटियों को दूसरे राज्यों में भेजते थे। वहां जाकर उनका शोषण किया जाता था। जांच में यह भी पता चला है कि दोनों आरोपी अलग-अलग जगहों पर घूमकर चोरी की वारदातें भी करते थे। जीआरपी टीम अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुट गई है।
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