रायपुर। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो EOW ने अवैध कोल लेवी वसूली प्रकरण में बड़ी कार्रवाई करते हुए बुधवार को दो और आरोपियों देवेंद्र डडसेना और नवनीत तिवारी के खिलाफ करीब 1,500 पेज का चालान विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम रायपुर में पेश किया है। दोनों आरोपी इस वक्त केन्द्रीय जेल रायपुर में बंद हैं।
इससे पहले जुलाई 2024 में ईओडब्ल्यू ने इस मामले में 15 आरोपियों के खिलाफ पहला चालान और अक्टूबर 2024 में दो आरोपियों मनीष उपाध्याय व रजनीकांत तिवारी के खिलाफ पूरक चालान दाखिल किया था।
कांग्रेस कोषाध्यक्ष का सहायक निकला अहम कड़ी
जांच में सामने आया कि आरोपी देवेंद्र डडसेना कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल का निजी सहायक था और अवैध कोल लेवी से प्राप्त नगद राशि का प्रमुख रिसीवर और मध्यस्थ रहा।
कांग्रेस भवन रायपुर में भवन नाम से दर्ज लेनदेन प्रविष्टियां इसी के जरिए संचालित होती थीं। ईओडब्ल्यू ने पाया कि डडसेना ने कोल स्कैम के अन्य आरोपियों तक करोड़ों रुपये की अवैध रकम पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभाई।
नवनीत तिवारी रायगढ़ में करता था वसूली
वहीं आरोपी नवनीत तिवारी कोल लेवी वसूली सिंडिकेट का सक्रिय सदस्य था।
वह सूर्यकांत तिवारी के निर्देश पर रायगढ़ जिले में कोल व्यवसायियों और ट्रांसपोर्टरों से करोड़ों रुपये की अवैध वसूली करता था और यह रकम रायपुर स्थित सिंडिकेट के सदस्यों तक पहुंचाता था।
जांच में यह भी सामने आया है कि नवनीत तिवारी सूर्यकांत तिवारी की अवैध आय से खरीदी गई संपत्तियों का बेनामीदार भी था।
डिजिटल, दस्तावेजी और मौखिक साक्ष्य इस बात की पुष्टि करते हैं।
आगे और कार्रवाई संभव
ईओडब्ल्यू ने बताया कि अन्य संभावित आरोपियों के खिलाफ जांच जारी है और आगे और भी पूरक चालान पेश किए जा सकते हैं।

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