बिलासपुर। रतनपुर तहसील के हल्का नंबर एक के पटवारी अनिकेत साव का एक वीडियो और ऑडियो वायरल होने के बाद प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है। आरोप है कि पटवारी ने बंजर जमीन को खेती की भूमि बताकर समर्थन मूल्य पर धान बेचने में मदद की। जब मामला सामने आया तो उसने इसे दबाने के लिए रुपये देने की बात भी कही। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोटा एसडीएम ने पटवारी को निलंबित कर दिया है और उसके कार्यकाल की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।





रतनपुर क्षेत्र के तेंदूभाठा में बंजर जमीन को खेती की भूमि बताकर धान बेचा गया। इस फर्जीवाड़े की जांच चल ही रही थी कि पटवारी और गांव के उपसरपंच का एक ऑडियो वायरल हो गया। इसमें उपसरपंच पटवारी से मामले को दबाने के लिए रुपये मांग रहा था और एक व्यक्ति इमरान को रकम देने की बात कर रहा था। बातचीत के दौरान पटवारी ने अंततः 10 हजार रुपये देने की सहमति जता दी।
इसी के साथ एक पुराना वीडियो भी सामने आया, जिसमें पटवारी पुडु गांव के एक किसान से रुपये लेते हुए दिख रहा है। वीडियो और ऑडियो वायरल होते ही प्रशासन हरकत में आया और एसडीएम ने पटवारी को निलंबित कर दिया।
तीन साल में चौथी बार निलंबन



सूत्रों के मुताबिक, पटवारी अनिकेत साव का कार्यकाल विवादों से घिरा रहा है। लापरवाही और संदिग्ध गतिविधियों के कारण पिछले तीन वर्षों में उसे चार बार निलंबित किया जा चुका है। इस बार वीडियो वायरल होने के बाद कार्रवाई की गई।
एसडीएम ने पटवारी के अब तक के कार्यों की जांच के आदेश दिए हैं। आशंका जताई जा रही है कि जांच के बाद और भी फर्जीवाड़े सामने आ सकते हैं। प्रशासन अब इस मामले में गहन पड़ताल कर रहा है ताकि भ्रष्टाचार में शामिल अन्य लोगों की भी पहचान हो सके।


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