45 लाख की ईनामी थी नक्सली रेणुका 25 छत्तीसगढ़ शासन ,तो 20 लाख तेलंगाना सरकार द्वारा रखा गया था ईनाम
तीन माह में कुल 119 हार्डकोर माओवादियों के शव बरामद
छत्तीसगढ़ दंतेवाड़ा: सुरक्षा बांकी गोली का निशाना बनी 25 लाख की इनामी नक्सली रेणुका भाकपा माओवादी केंद्रीय समिति सदस्य रवि उर्फ शंकामुरी अप्पा राव की पत्नी थी. जो 12 मार्च 2010 को नेतिकोंटा/नलमल्ला (Andhra Pradesh) मुठभेड़ में मारा गया था.
25 लाख ईनामी माओवादी DKSZCM रेणुका उर्फ बानु उर्फ चैते उर्फ सरस्वती मूल रूप से तेलंगाना राज्य का जिला वारंगल कडवेन्डी की निवासी थी. बीते कई वर्षों से रेणुका उर्फ बानु दंडकारण्य क्षेत्र में DKSZC & Central Regional Bureau की प्रेस टीम प्रभारी के रूप में सक्रिय थी । रेणुका के भाई DKSZC Member गुडसा उसेंडी उर्फ GVK प्रसाद ने वर्ष 2014 में हैदराबाद में आत्मसमर्पण किया था. मुठभेड़ स्थल से 01 नग INSAS राइफल, लैपटॉप & अन्य हथियार गोला बारूद बरामद किया गया ।
8 इनामी नक्सली ढेर

बस्तर रेंज में बीते 15 महीनों में विभिन्न मुठभेड़ों के बाद जोगन्ना, कार्तिक, निधि, सागर, सुधीर उर्फ सुधाकर,जगदीश, रेणुका जैसे कुल 8 State committee member स्तर के नक्सलियों के शव बरामद किए जा चुके हैंl बस्तर रेंज में वर्ष 2025 में अब तक विभिन्न मुठभेड़ों के बाद 119 नक्सलियों के शव बरामद किए जा चुके हैं।
क्या कहते हैं पुलिस अफसर
पुलिस अधीक्षक दंतेवाड़ा गौरव राय ने बताया कि दंतेवाड़ा, बीजापुर के सीमावर्ती क्षेत्रांतर्गत थाना गीदम के ग्राम नेलगोड़ा, इकेली, बेलनार के मध्य जंगल पहाड़ी में प्रतिबंधित माओवादी संगठन सीपीआई (एम) के सदस्य, नक्सल कैडरो की उपस्थिति की आसूचना के आधार पर नक्सल विरोधी सर्च अभियान में दिनांक 30.03.2025 को निकली थी दंतेवाड़ा डीआरजी, बस्तर फाईटर्स की टीम।

उप पुलिस महानिरीक्षक दंतेवाड़ा रेंज कमलोचन कश्यप ने बताया कि अभियान के दौरान दिनांक 31.03.2025 के सुबह लगभग नौ बजे ग्राम नेलगोड़ा, इकेली, बेलनार के मध्य जंगल पहाड़ में पुलिस पार्टी और माओवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई जो लगभग 02 घण्टे तक लगातार चलती रही। फायरिंग बंद होने पर सभी टीमों द्वारा सर्च करने पर 01 महिला माओवादी का शव बरामद हुआ।
1996 से सक्रिय थी रेणुका

महिला माओवादी रेणुका वर्ष 1996 में नक्सल संगठन में भर्ती होकर आंध्र प्रदेश र्में SZCM कृष्ण अन्ना के साथ काम की। वर्ष 2003 में DVCM के पद पर पदोन्नति किया गया। वर्ष 2006 में दक्षिण बस्तर मे CCM दुला दादा उर्फ आनन्द के साथ काम की। वर्ष 2013 में माड़ क्षेत्र में आकर्र SZCM रमन्ना के साथ काम की। रमन्ना की कोरोना से मृत्यु हो जाने के बाद वर्ष 2020 में DKSZCM बनाकर सेंट्रल रीजनल ब्यूरो (CRB) का प्रेस टीम इंचार्ज बनाया गया।

नक्सल संगठन की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी करना और विभिन्न पत्रिका जैसे प्रभात, महिला मार्गम, आवामी जंग, पीपुल्स मार्च, पोडियारो पोल्लो, झंकार, संघर्षरत महिला, पितुरी, मिडंगुर, भूमकाल संदेश का मुद्रण और प्रकाशन का कार्य किया करती थी।
रेणुका के भाई DKSZCM जी वी के प्रसाद उर्फ सुखदेव उर्फ गुड़सा उसेंडी ने वर्ष 2014 में तेलंगाना में सरेंडर किया था.
वर्ष 2005 में सेन्ट्रल कमेटी मेंबर (CCM) शंकामुरी अप्पाराव उर्फ रवि के साथ शादी हुआ था, जो 2010 के नलमल्ला मुठभेड़ (आंध्र प्रदेश) में मारा गया ।
बरामद हथियार/सामाग्री:-

इंसास राइफल, मैगजीन, गोला बारूद, लैपटॉप, नक्सली साहित्य तथा दैनिक उपयोगी सामग्री।
मजबूत मनोबल एवं स्पष्ट लक्ष्य के साथ कर रहे काम

पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज सुन्दरराज पी. ने बताया कि सरकार के मंशा के अनुसार और जनता की इच्छा के अनुसार पुलिस मुख्यालय के मार्गदर्शन में बस्तर रेंज में तैनात DRG/STF/ Bastar Fighters/ CoBRA/CRPF/BSF/ITBP/CAF एवं अन्य समस्त सुरक्षा बल के सदस्यों द्वारा मजबूत मनोबल एवं स्पष्ट लक्ष्य के साथ बस्तर क्षेत्र की शांति, सुरक्षा व विकास हेतु समर्पित होकर कार्य किया जा रहा है। प्रतिबंधित एवं गैर कानूनी सीपीआई माओवादियों संगठन के पास अब हिंसा छोड़कर आत्मसमर्पण करने के अलावा और कोई विकल्प नही बचा है इसलिए माओवादी संगठन से अपील है कि वे तत्काल हिंसात्मक गतिविधियों को छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुडे़ अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहे। वर्ष 2025 में बस्तर संभाग अंतर्गत सुरक्षा बलों द्वारा प्रभावी रूप से प्रतिबंधित एवं गैर कानूनी सीपीआई माओवादी संगठन के विरूद्ध माओवादी विरोधी अभियान संचालित किये जाने के परिणाम स्वरूप विगत तीन माह में कुल 119 हार्डकोर माओवादियों के शव बरामद किये गये।
बस्तर रेंज में विगत 15 महीनों में विभिन्न मुठभेड़ों के बाद जोगन्ना, कार्तिक, निधि, सागर, सुधीर उर्फ सुधाकर,जगदीश, रेणुका जैसे कुल 8 State committee member स्तर के नक्सलियों के शव बरामद किए जा चुके हैं l अब वरिष्ठ और स्थानीय माओवादी कैडरों के पास केवल आत्मसमर्पण करने का विकल्प बचा है वरना गंभीर परिणाम भुगतने होंगे l

Author: Ravi Shukla
Editor in chief