
एक बेटी की कला, एक प्रधानमंत्री की संवेदना – यही है नया भारत।
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के ग्राम मोहभट्ठा में आयोजित आमसभा और लोकार्पण-शिलान्यास समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब लाखों की भीड़ के समाने अपनी बात रख रहे थे उसी दौरान भीड़ के बीच से एक बेटी पीएम मोदी का पोस्टर हाथ में लहरा रही थी।

जैसे ही पीएम की नजर उस पर पड़ी। गंभीर मुद्दे पर हो रही चर्चा को वहीं विराम दिया और बेटी की ओर स्नेह के साथ मुखातिब हुआ। पीएम ने सिक्युरिटी से कहा, जरा उस बेटी के पास जाइए और हमारा पोस्टर लेकर आइए।

सिक्युरिटी से पीएम का अनुरोध और बेटी से वात्सल्य के साथ कहा बेटी पोस्टर के पीछे जरा अपना नाम और पता जरुर लिख देना। कारण भी बताया। जब मैं दिल्ली पहुंच जाऊंगा तब आपको चिट्ठी लिखूंगा। एक पल के लिए लाखों की भीड़ पूरी तरह शांत हो गई थी। पीएम मोदी और पोस्टर लहराने वाली बेटी के बीच हो रहे एकतरफा संवाद को सुन रही थी। भीड़ इस अविस्मरणीय क्षण का गवाह भी बनी। पीएम मोदी का ऐसा मानवीय और भावनात्मक पल आया, जिसे सभा में मौजूदा लाखों की भीड़ ने ना केवल करीब से देखा साथ ही इसे महसूस भी किया।
पीएम की यह बातें और आत्मियता से बेटी का चेहरा खिल उठा और मुस्कान उभर कर सामने आई। पीएम मोदी का यह छोटा-सा लेकिन भावनाओं से भरा कदम, “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” जैसे अभियानों को और भी अधिक मानवीय अर्थ प्रदान करता है। यह प्रतिभा का सम्मान था – और वह सम्मान मिला देश के सर्वोच्च नेता के हाथों से। एक बेटी की कला, एक प्रधानमंत्री की संवेदना – यही है नया भारत।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief