कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने श्रम अधिनियम उल्लंघन का उठाया मुद्दा
बिलासपुर, 17 मार्च 2025 – छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने करगीरोड कोटा में संचालित रेलवे स्लीपर फैक्ट्री में मजदूरों के शोषण और श्रम अधिनियम के उल्लंघन का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने उद्योग एवं श्रम मंत्री लखन देवांगन से सवाल किया कि क्या इस फैक्ट्री में नियोजकों द्वारा श्रम कानूनों का पालन किया जा रहा है?

न्यूनतम वेतन और ईपीएफ का लाभ नहीं मिल रहा
विधायक श्रीवास्तव ने सवाल किया कि क्या फैक्ट्री के श्रमिकों को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन दिया जा रहा है? क्या नियमित और ठेका श्रमिकों को ईपीएफ (प्रोविडेंट फंड) का लाभ मिल रहा है? उन्होंने इस फैक्ट्री में कार्यरत श्रमिकों की स्थिति पर जानकारी मांगी। जवाब में मंत्री लखन देवांगन ने बताया कि फैक्ट्री में 500 श्रमिक नियोजन का प्रावधान है, लेकिन वर्तमान में सिर्फ 72 श्रमिक कंपनी के पे-रोल पर हैं और 235 श्रमिक ठेकेदारी व्यवस्था के तहत काम कर रहे हैं।

मजदूरों के साथ अन्याय, सुरक्षा मानकों की अनदेखी
विधायक श्रीवास्तव ने सदन को जानकारी दी कि कुछ समय पहले एक मजदूर दुर्घटना में घायल हुआ था, लेकिन श्रम विभाग को बिना सूचना दिए उसे काम से हटा दिया गया। यदि कोई मजदूर वेतन विसंगति या सुरक्षा को लेकर शिकायत करता है, तो उसे काम से निकाल दिया जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि न तो श्रम अधिनियम और न ही कारखाना अधिनियम के तहत सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है।
पर्यावरण और अवैध उत्खनन का भी मामला उठा
श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि फैक्ट्री कोटा की पहाड़ियों को काटकर गिट्टी के रूप में उपयोग कर रही है, जिससे सरकार को रॉयल्टी का नुकसान हो रहा है। साथ ही, उन्होंने आरोप लगाया कि फैक्ट्री रेत का अवैध भंडारण कर रही है, जिससे भी शासन को राजस्व की हानि हो रही है। उन्होंने जानना चाहा कि क्या इस क्षेत्र के विकास के लिए सीएसआर फंड का कोई योगदान हो रहा है।
श्रम मंत्री ने जांच का दिया आश्वासन
श्रम मंत्री लखन देवांगन ने जवाब में कहा कि 2023 से अब तक किसी भी श्रमिक ने शिकायत दर्ज नहीं कराई है। उन्होंने कहा कि यदि शिकायत प्राप्त होती है, तो जांच की कार्रवाई की जाएगी। विधायक श्रीवास्तव की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मंत्री ने जिलाधीश के माध्यम से जांच कराने का आश्वासन दिया।

अधिमान्य पत्रकार छत्तीसगढ़ शासन