बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में नौकरी पाने के लिए जालसाजों को पांच लाख रुपये देने वाले युवक के खिलाफ भी अब धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। हाई कोर्ट ने यह आदेश सुनाते हुए साफ किया कि न्यायालय में नौकरी के लिए रिश्वत देना भी अपराध है और इससे न्यायपालिका की छवि धूमिल होती है।

मामला कोरबा जिले के दीपका थाना क्षेत्र का है, जहां रहने वाले संजय दास (33) ने हाई कोर्ट में नौकरी पाने के लिए जय सिंह राजपूत और उसके साथी को पांच लाख रुपये दिए थे। जब काफी समय तक नौकरी नहीं मिली, तो संजय ने खुद ही दीपका थाने में जालसाजों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
इस मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में हुई। अनुभाग अधिकारी नारायण प्रसाद केला ने बताया कि न्यायालय कई बार आम जनता को यह चेतावनी दे चुका है कि उच्च न्यायालय या जिला न्यायालय में नौकरी के नाम पर किसी के झांसे में न आएं। इसके लिए हाई कोर्ट की वेबसाइट और अन्य माध्यमों से भी जागरूकता फैलाई गई है। बावजूद इसके लोग ऐसे जालसाजों के चंगुल में फंस रहे हैं और नौकरी के लिए रिश्वत दे रहे हैं।

कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि नौकरी के लिए पैसे देना न केवल अवैध है, बल्कि यह न्यायपालिका की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े करता है। कोर्ट ने संजय दास के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 420 के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने का आदेश दिया। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief