गिरफ्तार आरोपियों में एक नाबालिग भी शामिल ,चौकी मनोरा क्षेत्र में हुई कार्रवाई
छत्तीसगढ़ के जशपुर पुलिस ने ऑपरेशन शंखनाद के तहत चौकी मनोरा पुलिस ने गौ-तस्करी के प्रयास को विफल करते हुए 22 गौवंशों को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया है। इस कार्रवाई में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें एक विधि से संघर्षरत बालक भी शामिल है।
घटना की जानकारी
दिनांक 30 मार्च 2025 की सुबह करीब 6:00 बजे टेटुंग राम (50 वर्ष), निवासी हाड़ीकोना, चौकी मनोरा, जिला जशपुर, ने पुलिस को सूचना दी कि उसने अपने 4 गौवंशों को चरने के लिए लोटकोना जंगल की ओर छोड़ा था। जब वह कुछ समय बाद उन्हें देखने गया, तो वे नियत स्थान पर नहीं मिले। तलाश के दौरान उसने देखा कि दो व्यक्ति उसके गौवंशों को हांककर ले जा रहे थे।

ग्रामीणों की मदद से इन दोनों व्यक्तियों को रोककर पूछताछ की गई, तो पता चला कि वे कुल 22 गौवंशों को अवैध रूप से ले जा रहे थे। इन पशुओं के साथ क्रूरता की जा रही थी।
पुलिस ने की कानूनी कार्रवाई
सूचना पर चौकी मनोरा पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया और अपराध क्रमांक दर्ज किया। आरोपियों के विरुद्ध निम्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया:
• छत्तीसगढ़ कृषक पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 2004 की धारा 3(2), 3(5), 4, 6, 10
• पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11(1)(क)(घ)
गिरफ्तार आरोपी

1. जमरुद्दीन मियां (28 वर्ष), निवासी तेतर टोली, थाना जारी, जिला गुमला (झारखंड)
2. 16 वर्षीय विधि से संघर्षरत बालक
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपराध स्वीकार किया, जिसके बाद उन्हें विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया।
एसएसपी ने कहा

एसएसपी शशि मोहन सिंह ने बताया कि गौ-तस्कर अब पैदल रास्तों का उपयोग कर रहे हैं। पुलिस ने इस पर कड़ी निगरानी रखते हुए मुखबिरी तंत्र को और मजबूत किया है। ऑपरेशन शंखनाद के तहत ऐसी कार्रवाइयां आगे भी जारी रहेंगी।

अधिमान्य पत्रकार छत्तीसगढ़ शासन