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November 22, 2024 10:46 pm

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हिंदी  भारत की आत्मा है,इसके उच्चारण,व्याकरण ही इसकी विश्वनीयता है.. डॉ फूल दास महंत

(रमन विश्वविद्यालय में हिंदी  कार्यशाला में व्याकरण और उच्चारण  पर व्याख्यान

विलासपुर। नवीन शासकीय महाविद्यालय सकरी जिला बिलासपुर में कार्यरत हिंदी  विभाग के  विभाग अध्यक्ष डॉ  फूल दास महंत    डॉ सी वी रामन विश्वविद्यालय   करगी रोड कोटा  में आयोजित हिंदी  पखवाड़ा आज व्याकरण और उच्चारण विषय पर आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे।उन्होंने अपने व्याख्यान में हिंदी की उपादेयता को रेखांकित करते हुवे  कहा कि यह समन्वय की,प्रेम की ,आम जन की भाषा के रूप में हिंदुस्तान की भाषा है।

उन्होंने कहा  इस भाषा की वैज्ञानिकता  है।यह  अन्य भाषाओं को अपने में समाहित किया हुआ है इसीलिए मानक भाषा के रूप में  प्रतिष्ठित है।इसकी लेखन ,वर्तनी  की पहचान उच्चारण पर आधारित है।इसके व्याकरण नियमों में बंधे हुवे हैं।इसी से हिंदी की पहचान है और आज इसके अपने शब्द 2लाख 50हजार है,यदि टेक्निकल और प्रशासनिक शब्दों को मिला दें तो इसकी शब्द संख्या 8लाख से भी अधिक हो जाते हैं।व्इसीलिए हिंदी भारत की आत्मा है।उच्चारण और व्याकरण इसकी पहचान है।

हिंदी ने अपने मानक रूप में अन्य भाषा -भाषी को अपनाया है, कारतूस (फ्रांसीसी)कैंची(तुर्की),आलमारी(पुर्तगाली),अमरूद(फ़ारसी),डॉक्टर, वर्क शॉप, डायरेक्टर,कॉलेज (सभी अंग्रेजी) के शब्द हैं जिन्हें मानक रूप में हिंदी ने अपने में समाहित  किया हुआ है।यमुना के लिए जमुना,यजमान के लिए जजमान,वचन के लिए बचन,लक्ष्मण के लिए लखन या लछमन इसके अमानक रूप हैं,फिर भी क्षेत्रीयता के कारण गलत शब्दों का इस्तेमाल लोग करते हैं । यह उपयुक्त नहीं है।

   कार्यक्रम में डॉ वेद प्रकाश मिश्रा  कार्यक्रम की अध्यक्षता तथा मुख्य अतिथि के रूप में डॉ विनोद कुमार वर्मा  छतीसगढ़ी व्याकरण और हिंदी व्याकरण के  लेखक मंच पर उपस्थित थे,इस कार्यक्रम में विश्विद्यालय के विभिन्न विभाग के विद्वान प्रोफेसर,छात्र/छात्राएं  अधिक संख्या में उपस्थित हुए।

CBN 36
Author: CBN 36

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