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November 20, 2025 7:53 pm

डार्क वेब, विदेशी हैंडलर्स और कट्टरपंथी डिजिटल नेटवर्क से जुड़े चौंकाने वाले खुलासे

आईएसआईएस रायपुर ग्रुप का भंडाफोड़: एटीएस को मिली डार्क वेब ब्राउज़िंग और विदेशी लिंक की पुष्टि

दोनों नाबालिग किशोर न्याय बोर्ड के आदेश पर भेजे गए,केंद्रीय एजेंसियों के साथ संयुक्त पड़ताल जारी

रायपुर, छत्तीसगढ़ ।छत्तीसगढ़ में नाबालिगों द्वारा संचालित आईएसआईएस -प्रभावित डिजिटल मॉड्यूल की जांच में राज्य पुलिस की एंटी टेररिज्म स्क्वॉड एटीएस को कई गंभीर और हैरान करने वाले तथ्य मिले हैं। जांच में स्पष्ट हुआ है कि दोनों नाबालिग सोशल मीडिया के विभिन्न चैनलों पर सक्रिय थे और उनका नेटवर्क केवल पाकिस्तान आधारित डिजिटल हैंडलर तक सीमित नहीं था।

डार्क वेब पर हथियारों की खोज का सबूत

एटीएस की तकनीकी टीम ने जब एक डिवाइस की फोरेंसिक जांच की, तो उसमें डार्क वेब पर हथियारों की कीमत, खरीद प्रक्रिया और अवैध विकल्पों से जुड़ी सर्च हिस्ट्री मिली। अधिकारियों के अनुसार यह अत्यंत गंभीर संकेत है और यह तत्व मामले की संवेदनशीलता को और बढ़ाता है।

विदेशी संपर्कों का जाल विस्तृत -कई देशों की आईडी चिन्हित

जांच में शामिल वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एटीएस द्वारा जब्त एक ग्रुप चैट में कई देशों और भारत के विभिन्न राज्यों की इंस्टाग्राम IDs पहचानी गई हैं। इससे संकेत मिलता है कि नाबालिग ऐसे डिजिटल प्लेटफॉर्मों के संपर्क में थे जहाँ विदेशी हैंडलर्स सक्रिय थे।

अरबी भाषा सीख कर डायरेक्ट संपर्क का प्रयास

जांच में यह भी सामने आया कि एक नाबालिग लगातार ऑनलाइन अरबी सीखने वाले पोर्टल्स और वीडियो को एक्सेस करता था। अधिकारी के अनुसार उसका उद्देश्य विदेशी स्रोतों से सीधे संवाद स्थापित करना था, ताकि किसी मध्यस्थ की आवश्यकता न रहे।

आईएसआईएस रायपूर इंस्टाग्राम समूह से नाबालिगों को जोड़ने की कोशिश

पहले से उजागर हो चुके तथ्यों के अनुसार 16 वर्षीय नाबालिग ने ‘ISIS Raipur’ नाम से इंस्टाग्राम समूह बनाया था और उसमें कई अन्य नाबालिगों को जोड़ने का प्रयास किया था। यह समूह समय-समय पर प्रतिबंधित चैट क्लस्टरों और “सीक्रेट रूम” में शिफ्ट किया जाता था।

एक से अधिक विदेशी हैंडलर्स से संपर्क

प्रारंभिक जांच में केवल पाकिस्तान स्थित स्रोत होने की बात सामने आई थी, लेकिन अब डिजिटल समीक्षा में कई विदेशी बिंदुओं की पहचान हुई है। विभिन्न चैट पैटर्न, मीडिया ड्रॉप्स और एन्क्रिप्टेड फाइलों से इसका संकेत मिलता है।

संवेदनशील स्थानों से जुड़े इनपुट भी मिले

अधिकारियों ने यह भी स्वीकार किया कि डिजिटल सामग्री में संवेदनशील स्थानों से संबंधित सूचनाएँ, चित्र और मार्किंग के प्रयास मिले हैं। इसके साथ ही ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े संकेत भी एटीएस की समीक्षा में शामिल किए जा रहे हैं।

केंद्रीय एजेंसियों के साथ संयुक्त पड़ताल जारी

मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को भी शामिल कर लिया गया है। डिजिटल फोरेंसिक के कई चरण अब संयुक्त रूप से पूरे किए जा रहे हैं।

दोनों नाबालिग किशोर न्याय बोर्ड के आदेश पर भेजे गए

एटीएस ने दोनों नाबालिगों को सोमवार को हिरासत में लिया था। 24 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें किशोर न्याय बोर्ड रायपुर के समक्ष पेश किया गया जहाँ से उन्हें माना स्थित किशोर निवास गृह भेज दिया गया।

उच्च पदस्थ सूत्रो के मुताबिक जांच अभी जारी है और विदेशी संपर्कों डार्क वेब गतिविधियों, हटाए गए डेटा और इंस्टाग्राम नेटवर्क की विस्तृत जांच की जा रही है।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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